जिनपिंग की तीसरी आंख... ड्रैगन की वो खुफिया ताकत जो चीनी भी नहीं जानते?

Published by: एबीपी न्यूज़ डेस्क
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चीन की खुफिया एजेंसी का नाम मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) है, जिसका गठन साल 1983 में किया गया था.

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साल 1983 में चीन की तत्कालीन चाइनीज कम्यूनिस्ट सरकार ने खुफिया विभाग और पुलिस फोर्स की स्पाई यूनिट को मिलाकर एमएसएस का गठन किया था.

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यह चीन के अंदर और बाहर दोनों जगह खुफिया गतिविधियों की देखरेख करती है. इसका मुख्य उद्देश्य देश को बाहरी ताकतों और दुश्मनों से बचाए रखना है.

सीएनएन के अनुसार एजेंसी का नेतृत्व स्वंय राष्ट्रपति शी जिनपिंग करते हैं. सेफ्टी रूल्स के कारण एजेंसी के बारे में चीन के लोगों को भी काफी कम जानकारी है.

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चीनी खुफिया एजेंसी ने चीन में चप्पे-चप्पे को सर्विलांस किया हुआ है और हर तरफ फेशियल रिकग्निशन और डिजिटल ट्रैकिंग है.

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रिपोर्ट के अनुसार एमएसएस ने अब खुलकर चीन की जनता के बीच अपनी जगह बनानी शुरू कर दी है.

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एजेंसी इन दिनों इसलिए चर्चा में है क्योंकि अब वह खुलकर लोगों के सामने आ गई है, जबकि अब तक ज्यादातर चीनी नागरिकों को इसके बारे में पता नहीं था.

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राष्ट्रीय सुरक्षा शिक्षा दिवस पर उसने लोगों को एक पैगाम भेजा, जिसके मायने हैं- विदेशी जासूस हर जगह हैं.

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इसके अलावा ये खुफिया एजेंसी सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों में राष्ट्रीय सुरक्षा की भावना को जगाने का भरपूर प्रयास कर रही है.

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