पृथ्वी के बाद इस गृह पर ढूंढ रहे थे जीवन की संभावना पर..

Published by: एबीपी न्यूज़ डेस्क
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दुनियाभर के वैज्ञानिकों का अनुमान था कि पृथ्वी के बाद बृहस्पति के चांद यूरोपा पर जीवन मिलने की संभावना है.

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वैज्ञानिकों का मानना है कि यूरोपा पर जमी बर्फीली परत के नीचे समुद्र का खारा पानी है, जिसमें जीवन होने की संभावना है.

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इस बीच ऐसी खबर मिली है, जिसने संभावना को कम कर दिया है. साइंस एडवाइजर के अनुसार वैज्ञानिकों ने खोज में पाया कि यूरोपा पर चार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई जितनी बर्फीली परत जमी है.

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रिपोर्ट के अनुसार यूरोपा की बर्फीली परत धरती पर हुई सबसे गहरी ड्रिलिंग से भी तीन गुना ज्यादा गहरी है.

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नासा के स्पेसक्राफ्ट के मुताबिक यूरोपा की बर्फीली परत लगभग 35 किलोमीटर गहरी है और कई हिस्सों में इसकी गहराई और भी ज्यादा हो सकती है.

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साल 2016 में नासा ने जूनो नामक एक स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया था, जो तब से बृहस्पति और उसके चंद्रमाओं के चक्कर लगा रहा है.

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नासा ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट ने माइक्रोवेव रेडियोमीटर तकनीक के जरिए यूरोपा की सतह को नापने का प्रसाय किया था, जिससे बर्फीली परत की गहराई का खुलासा हुआ.

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पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के प्लेनेटरी साइंटिस्ट ब्रैंडन जॉन्सन ने कहा कि यूरोपा पर जमी ये 35 किलोमीटर तक गहरी बर्फीली परत भी कई लेयर्स में बंटी है.

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पहली परत 7 किलोमीटर जितनी गहरी एक सख्त लेयर है. इसके बाद गहराई में जमी दूसरी परत लगभग 13 किलोमीटर गहरी है, इसे मोबाइल लेयर कहा जाता है.

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इसके अलावा स्पेसक्राफ्ट ने बताया कि यूरोपा पर रेडिएशन का स्तर भी काफी ज्यादा है, जो चांद में मौजूद समुद्र में ऑक्सीजन की मात्रा को कम करने का काम भी कर रही है.

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इस कारण चांद पर मौजूद इस समुद्र में किसी जीवन के होने की संभावना काफी कम हो सकती है.