फैशन के इस दौर में व्यक्ति कुछ भी बनावटी पहनावा कर ले, उसे आधुनिकता का नाम दे दिया जाता है



समाज का एक वर्ग दाढ़ी रखने को फैशन मानता है तो दूसरा धार्मिक पहचान के रुप में इसका पालन करता है



दाढ़ी का उगना यह व्यक्ति की प्राकृतिक व स्वाभाविक प्रक्रिया होती है



मुस्लिम धर्म में दाढ़ी रखने को परंपरागत और धार्मिक नियम के पालन में महत्वपूर्ण माना गया है



मुसलमानों में दाढ़ी रखना बाध्यकारी नहीं है, व्यक्ति बिना दाढ़ी के भी धार्मिक नियमों का पालन कर सकता है



विकीपीडिया के मुताबिक दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जहां मुस्लिमों को दाढ़ी रखना अनिवार्य है



दुनिया के सभी मुस्लिमों देशों में इस्लामिक कानून ही लागू है



वर्तमान में ऐसा कहा जा सकता है कि दाढ़ी किसी विशेष धार्मिक समूह की पहचान नहीं है



दाढ़ी रखना या न रखना व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद का विषय है