नासा चांद पर स्थायी रूप से इंसानों के रहने की तैयारी करने में जुटा है.



इसके लिए नासा ने चांद के दक्षिणी ध्रुव (LSP) को चुना है.



पृथ्वी के साथ संचार, सौर संपर्क को लेकर सबसे बेहतर है चांद का ये क्षेत्र.



हालांकि ध्रुवों पर तेज रोशनी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होता है.



ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य क्षितिज पर नीचे होता, जिससे कठोर वातावरण उत्पन्न होता है.



एलएसपी में मौजूद सामान्य प्रकाश, अंतरिक्ष यात्रियों के कामों पर गंभीर प्रभाव डालेगा.



तेज रोशनी का इंसानों के विजुअल पर खराब असर पड़ता है.



इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक नासा इस गुत्थी को सुलझाने पर काम कर रहा है.



इसके लिए नासा ने सिमुलेशन टेक्नोलॉजी डेवलप करने की सिफारिश की है.



ये सिमुलेशन संभावित खतरों की पहचान कर अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा में मदद करेगा.