क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान के बच्चों को हिस्ट्री में क्या पढ़ाया जाता है? जानकर हैरान हो जाएंगे.
इसका जवाब दिया है भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल ने.
अजीत डोभाल की इंडियन एंबेसी में नियुक्ति के दौरान शौर्य डोभाल खुद सात सालों तक पाकिस्तान के इस्लामाबाद में रहे. उन्होंने वहां पर पढ़ाई भी की है.
शौर्य डोभाल साल 1981 से लेकर 1987 तक पाकिस्तान में रहे थे.
लल्लनटॉप की रिपोर्ट के मुताबिक, शौर्य डोभाल का कहना है कि वहां की स्कूली किताबों में 1947 में पाकिस्तान बनने के बाद की देश की हिस्ट्री के बारे में ज्यादा पढ़ाया जाता है.
पाकिस्तान के स्कूलों में 1947 के पहले का अगर कुछ पढ़ाया भी जाता है तो ये कि मुस्लिम हिंदुओं से कितने महान थे और ये कि मुस्लिम पहले हिंदुस्तान के हुक्मरान थे और बाद में उन्होंने अलग मुल्क बना लिया.
ये पढ़ाया जाता है कि मुस्लिमों ने 1947 के बाद नया देश बनाया, जिस पर वे हुकूमत करते हैं.
उन्होंने बताया कि मोहम्मद बिन कासिम के भारत आने से उनकी हिस्ट्री शुरू होती है और हैरानी की बात तो ये है कि इसको भी वह पाकिस्तान की हिस्ट्री मानते हैं यानी हिंदुस्तान का उनकी किताबों में जिक्र नहीं है.
पाक स्कूलों में इंडस वैली के बारे में पढ़ाया तो जाता है, लेकिन केवल हड़प्पा मोहनजोदड़ो के बारे में.
हड़प्पा मोहनजोदड़ो से फिर सीधा छठी और सातवीं शताब्दी में बिन कासिम से जोड़ा गया है.
गुप्त और मौर्य डायनेस्टी के बारे में नहीं बताया गया है.