रोबोटिक डाइव द्वारा ली गई तस्वीरों से पता चला है कि टाइटैनिक जहाज का एक हिस्से में जंग से क्षरण हुआ है
डायना ऑफ वर्सेल्स की कांस्य प्रतिमा जो समुद्र में मिली है, इस प्रतिमा की आखिरी तस्वीर 1986 में रॉबर्ट बैलार्ड ने ली थी जिन्होने एक साल पहले टाइटैनिक के मलबे की खोज की है
टाइटैनिक जहाज का वह हिस्सा जिसे जेम्स कैमरुन की 1997 में आई फिल्म आई एम किंग ऑफ द वर्ल्ड में दिखलाया गया था, टाइटैनिक का वह हिस्सा जंग के क्षरण से अब तबाह हो रहा है
टाइटैनिक इंक. के संग्रह निदेशक टॉमसिना रे ने बीबीसी को बताया कि टाइटैनिक का धनुष आकार अब सिर्फ प्रतीकात्मक रह गया है और इसमे लगातार क्षरण हो रहा है टाइटैनिक कब तक वहां रहेगा हम नहीं जानते है
डीप सी मैपिंग कंपनी मैगेलन ने टाइटैनिक के धनुष वाले आकार की तस्वीरें और डिजिटल स्कैन लिए है जिससे पता चलता है कि उसमें तेजी से क्षरण हो रहा है
विशेषज्ञों का मानना है कि टाइटाइनैक का धनुष वाला आकार ही सिर्फ नहीं खराब हो रहा है बल्कि टाइटैनिक के पूरे ढांचे को सूक्ष्मजीवों द्वारा खाया जा रहा है
इस वर्ष अगस्त में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक मलबे के दो मिलियन से अधिक चित्र लिए गए है, जो सतह से 3,800 मीटर नीचे के है
1912 में जब टाइटैनिक जहाज डूबा तो वह दो हिस्सों में बंट गया और उसका अगला हिस्सा तथा पिछला हिस्सा मलबे से लगभग 800 मीटर की दूरी पर खिसक गया है
टाइटैनिक के शोधकर्ता और विटनेस टाइटैनिक पॉडकास्ट के प्रस्तुतकर्ता जेम्स पेनका ने टाइटैनिक के क्षरण पर कहा कि विशेषज्ञों के इस खोज को भूसे के ढेर में सुई खोजने जैसा बतालाया है