क्या आप जानते हैं कि दुनिया में मध्य पूर्वी देशों में रहने वाले लोग साल 2050 तक खत्म हो जाएंगे.



अर्थ ओजी के मुताबिक, इन देशों में गर्मी का स्तर बढ़ने के कारण भविष्य में तापमान लगभग 50 डिग्री सेल्सियस से पार हो सकता है.



रिपोर्ट के अनुसार 2050 में होने वाले जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर मध्य पूर्वी देशों और उत्तरी अफ्रीका में देखा जा सकेगा.



इन देशों में पानी की कमी सबसे ज्यादा होगी. इस कारण लंबे समय तक लोगों का यहां रह पाना काफी मुश्किल होगा.



रिपोर्ट में बताया गया कि तापमान में वृद्धि के साथ सरकारी योजनाओं के विफल होने, देशों में भ्रष्टाचार बढ़ने से भी इन देशों में रह पाना बेहद मुश्किल होगा



तापमान में होती बढ़त के कारण भविष्य में मध्य पूर्वी देशों से निकलने वाली इन नदियों के पानी का स्तर कम हो सकता है.



इस कारण पानी के स्त्रोत होने के बावजूद इन देशों में पानी की कमी होने की संभावना है.



इसके अलावा रिपोर्ट के मुताबिक मध्य पूर्वी में स्थित दुनिया के सबसे बड़े तलाबों में से एक उरमिया में भी पिछले कई सालों से पानी का स्तर कम हो रहा है.



पानी के घटने और तापमान में होने वाली बढ़त के लिए ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.



भौगोलिक स्तर पर मध्य पूर्वी क्षेत्र और उत्तरी अफ्रीका में पानी के स्रोत के तौर पर टाइग्रिस, यूफ्रेट्स और नीले नमक की नदियां है.