एक्सप्लोरर
दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति Statue of Unity का उद्घाटन: जानें, विश्व की मीडिया ने इसके बारे में क्या कहा

1/8

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' का आज उद्घाटन करेंगे. दुनिया की सबसे ऊंची यह प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध पर बनी है. 182 मीटर ऊंची पटेल की प्रतिमा को तैयार होने में पांच साल का वक्त लगा है. 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' की आधारशिला तब गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को रखी थी और इस प्रतिमा के लिए देशभर से लोहा इकट्ठा करने का अभियान भी चलाया गया था. सरदार पटेल की प्रतिमा पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है जिसके बहाने वो कई मौकों पर कांग्रेस पर सरदार की उपेक्षा करने का आरोप लगा चुके हैं. आज इसके उद्घाटन को लेकर बनी गहमागहमी के बीच आइए देखते हैं कि विश्व की मीडिया का इस पर क्या कहना है-
2/8

वहीं, चीन की सबसे बड़ी मीडिया सिन्हुआ ने इससे जुड़ी जो सबसे ताज़ा ख़बर छापी है वो काफी पुरानी है. यानी ये ख़बर सितंबर महीने में 10 तारीख को छपी है और इसमें इससे जुड़ी आम जानकारी दी गई है. चीन ने इससे जुड़ा कोई ताज़ा पोस्ट नहीं किया है. संभव है कि विश्व की मीडिया उद्घाटन के बाद तय करने की उन्हें इससे जुड़ी और क्या ख़बरें करनी हैं.
3/8

हालांकि, भारत के मित्र देश रूस की सबसे बड़ी मीडिया रशिया टुडे ने इसकी तारीफ में एक ख़बर पोस्ट की है. वैसे ये ख़बर बीते तीन सितंबर की है लेकिन इसमें ये लिखा गया है कि कैसे ये मूर्ति चीन का रिकॉर्ड तोड़कर दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति बन जाएगी.
4/8

अमेरिका के बड़े मीडिया घरानों में सीएनएनए ने इससे जुड़ी सबसे ताज़ा ख़बर 26 अक्टूबर को पोस्ट की है. इसमें जानकारी दी गई है कि भारत के पीएम सबसे लंबी मूर्ति का अवावरण करने वाले हैं और मूर्ति से जुड़ी बाकी की जानकारी दी गई है. इस ख़बर में ये बताने के बाद की सरदार पटेल का आज़ादी की लड़ाई में क्या योगदान रहा है, बताया गया है कि राज्य के लोगों ने कैसे पीएम और सीएम के विरोध में पोस्टर लगाए हैं.
5/8

सऊदी अरब से छपने वाले सऊदी गैजेट में भी मूर्ति को लेकर हो रहे विरोध की ख़बर ही छपी है. इसमें कहा गया है कि भारत के किसी कोने में बनी इस मूर्ति के उद्घाटन का स्वागत विरोध प्रदर्शन से हो रहा है.
6/8

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के सबसे प्रतिष्ठित अख़बार द डॉन ने भी 29 अक्टूबर को पोस्ट की गई एक ख़बर में विरोध प्रदर्शन की ही बात कही है. द डॉन का कहना है कि वहां के स्थानीय समुदाय के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी से उद्घाटन से दूर रहने की अपील की है. इसमें पर्यावरण का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि 29.9 ख़रब रुपए के ख़र्च से बनी इस मूर्ति से पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए लोगों ने ज़्याजा मुआवजे की मांग की है.
7/8

ब्रिटेन के बेहद सम्माजनक अख़बार द गार्डियन की वेबसाइट पर कल पोस्ट हुई एक ख़बर में भी बीबीसी जैसा ही एंगल है. इसके मुताबिक ऐसी आशंका है कि इसके उद्घाटन के दौरान विरोध प्रदर्शन हो सकता है. गार्डियन का कहना है कि इसे लेकर विरोध प्रदर्शन की आशंका के बीच भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. वहीं, इनका कहना है कि 600 फिट की इस मूर्ति को बनाने के लिए ली गई ज़मीन का मुआवजा मांगने के लिए किसान प्रदर्शन कर सकते हैं.
8/8

ब्रिटिश मीडिया बीबीसी समेत ज़्यादातर मीडिया घरानों ने इसके उद्घटान के दौरान हो रहे विरोध प्रदर्शन को प्रमुखता से कवर किया है. इससे जुड़ी बीबीसी की सबसे ताज़ा ख़बर बीते 28 तारीख की है जिसमें बताया गया है कि भले ही सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता रही हो लेकिन किसान इससे खासे नाराज़ हैं. किसानों का कहना है कि उनके पास सींचाई को पानी नहीं है और सरकार मूर्ति पर करोड़ों रुपए ख़र्च कर रही है.
Published at : 31 Oct 2018 08:45 AM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
बिहार
विश्व
क्रिकेट
Advertisement


रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion