ऐतिहासिक: 40 साल बाद ईरानी महिलाओं ने स्टेडियम में जाकर देखा फुटबॉल मैच, देखें तस्वीरें
अपने अधिकारों के लिए संघर्ष की कहानी इतनी आसान नहीं रही. ईरान में पहले कानून था कि महिलाएं खेल के मैदान में नहीं जा सकती हैं. लेकिन ख्वाहिशें कब समझौता करती है. ईरान की 29 साल की फुटबॉल प्रशंसक सहर खोडयारी भी अपनी ख्वाहिशों के आगे मजबूर थी. वह स्टेडियम में फुटबॉल मैच देखना चाहती थी, लेकिन उसकी इस ख्वाहिश ने सहर खोडयारी की जान ले ली. महिलाओं का मैदान खेल स्टेडियम में जाना मना था इसलिए सहर पुरुषों की पोशाक में अदंर जाने की कोशिश की, लेकिन वह पकड़ी गई . इसके बाद कोर्ट ने उनको इस जुर्म के लिए 6 महीने की सजा सुनाई. जेल जाने के डर से उन्होंने कोर्ट के बाहर ही आत्मदाह कर ली थी. सहर को इरान की ब्लू गर्ल कहा जाता है.
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View In Appचालिस सालों बाद ईरान का फुटबॉल स्टेडियम कल एक एतिहासिक क्षण का गवाह बना. ईरान और कंबोडिया के बीच खेल गए फीफा विश्व कप क्वालीफायर मैच को देखने महिलाएं लंबे संघर्ष के बाद स्टेडियम में जा सकीं. दरअसल ईरान ने 40 सालों से यहां किसी फुटबॉल या दूसरे स्टेडियमों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा रखी थी.
इस मैच में ईरान ने कंबोडिया को 14-0 से शिकस्त दी. इस मैच के दौरान महिलाओं ने अपनी टीम को जमकर सपोर्ट किया और उनका हौसला बढ़ाती रही.
सहर खोडयारी की मौत के बाद एक बड़ा कैंपेन चला और इसके बाद वहीं की सरकार झुकी और उसने वादा किया कि आगे होने वाले मैच में 3,500 महिला प्रशंसकों को स्टेडियम में मैच देखने की अनुमति देगा.
ईरान सरकार ने हाल में ही स्टेडियमों में महिलाओं के आने पर लगी रोक को हटाने का आदेश दिया था. दरअसल फीफा ने कहा था कि अगर ईरान ऐसा नहीं करता तो उसे निलंबित कर दिया जाएगा. निलंबन से डरकर ईरानी फुटबॉल संघ ने फीफा को आश्वस्त किया था कि वह महिलाओं को स्टेडियम में आने की इजाजत देगा. इसके बाद यहां हजारों की संख्या में महिलाएं स्टेडियम में पहुंची और उन्होंने मैच देखा.
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