नई दिल्ली: आप अपने बाथरूम में गये और झट से नहाकर तैयार हो लिये. लेकिन अगर आपसे ये कहा जाए कि नहाने के लिए चार दिन पैदल चलना होगा, तो आप हाथ खड़ा कर देंगे. कहेंगे, इससे बेहतर है बिना नहाए ही रह लिया जाए. लेकिन दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां के लोग नहाने के लिए चार दिन तक पैदल चलते हैं. ऊबड़ खाबड़, पत्थरीले रास्ते पार कर लोग तालाब में पहुंचकर नहाते हैं. ऐसे अनोखे देश का नाम है जापान. यहां नीले रंग का गर्म पानी वाला एक तालाब है. वैसे तो इसके अलावा भी कई और तालाब हैं. लेकिन तापामा गहारा नामी तालाब का कहना ही क्या है. इसके प्रति लोगों की मान्यता कुछ अलग है. तालाब में नहानेवाले लोग न सिर्फ खुले में प्रकृति का आनंद लेते हैं, बल्कि यहां नहाने से उनके जिस्म और आत्मा की सफाई भी हो जाती है. उनकी मान्यता है कि नीले रंग के पानी के तालाब में नहाने का अपना अलग ही महत्व है.


सैकड़ों साल से चली आ रही है परंपरा



1000 साल से ज्यादा इस तालाब का पानी प्राकृतिक तौर पर गर्म है. गर्म पानी वाले इस तालाब में जापानी अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ पहुंचकर पुरुष और महिलाएं एक साथ नहाते हैं. उनके मुताबिक एक साथ नहाने से आपसी मनमुटाव और विरोधी विचार मिट जाते हैं. जिसके बाद लोगों का खुलकर आपस में बात करना आसान हो जाता है. इसे नंगी दोस्ती कहा जाता है. तापामा गहारा नामी तालाब में मर्दों और औरतों को नहाने के लिए अलग-अलग जगह भी है. इसके अलावा एक तीसरी जगह भी है जहां मर्द और औरत संयुक्त रूप से एक साथ नहा सकते हैं.


ऊबड़-खाबड़, पत्थरीले रास्तों को करना पड़ता है पार


दूर दराज, सुनसान जगह स्थित होने की वजह से तापामा गहारा तालाब तक पहुंचने में कई दिन लग जाते हैं. चोबोसांगको नेशनल पार्क में स्थित इस तालाब तक पहुंचने के लिए जंगल, नदी और पहाड़ी को पार करना पड़ता है. ऊबड़-खाबड़ और पत्थरीले रास्ते को पार करने में 40 किलोमीटर तक ट्रैकिंग करनी पड़ती है. पहाड़ियों पर चढ़ाई के दौरान लोग सुनसान झोपड़ियों में रात गुजारते हैं. जहां मोबाइल का नेटवर्क मिलता है और न ही आम आबादी का दूर-दूर तक पता चलता है. लेकिन इसके बावजूद मुसीबतों की परवाह किये बिना सैकड़ों साल से जापानी ऐसा करते चले आ रहे हैं. नहाने के लिए जानेवाले लोग जब पहाड़ी पर रात गुजारकर तालाब पहुंचते हैं तो काफी थके हो चुके होते हैं, लेकिन खनिज युक्त पानी में  नहा चुकने के बाद उनकी सारी थकान दूर हो जाती है.