(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
तुर्की में अनोखे विरोध का दिखा नज़ारा, महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ विरोध में लटकाए गए इमारत पर जूते
तुर्की में परंपरा के साथ विरोध का अनोखा मिलन देखने को मिला है. यहां की एक इमारत पर सैकड़ों जूते लटका दिये गये.जूतों की प्रदर्शनी के जरिए कलाकार ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का विरोध किया है.
नई दिल्ली: लोग अनोखे विरोध प्रदर्शन के जरिए दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश में लगे रहते हैं. तुर्की में भी एक प्रदर्शनकारी ने अपनी अनोखी कला के जरिए लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. यहां कलाकार ने अपनी कला को ही अपनी बात पहुंचाने का साधन बना लिया.
इमारत पर जूतों की प्रदर्शनी के जरिए विरोध तुर्की में किसी की मौत हो जाने पर मृतक के जूते घर के बाहर रखने की परंपरा है. वाहत त्यूना ने इसी परंपरा को जिंदा करते हुए विरोध का अनोखा तरीका अपनाया. उन्होंने 2018 में घरेलू हिंसा के कारण मरने वाली महिलाओं की याद में 260 वर्गफुट में प्रदर्शनी लगाई. उन्होंने इस्तांबुल की एक मशहूर सड़क की एक इमारत पर ऊंची एड़ी वाले 440 जूते लटका दिये. ये जूते 2018 में घरेलू हिंसा के कारण मरने वाली महिलाओं की याद में लटकाए गये हैं.
कलाकार का कहना था कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विरोध का ये अनोखा तरीका पहली बार अपनाया गया है. बाजार में प्रदर्शनी के जरिए लोगों को ये बताने की कोशिश की गई है कि ये खुला जख्म है और इससे रिसने वाला खून है. उनका मानना है कि विरोध के इस नये तरीके से जागरूकता पैदा होगी. और लोगों लोगों को सोचने पर मजबूर करेगा.
जूते के जरिए विरोध प्रदर्शन के तरीके की तुर्की में काफी चर्चा हो रही है. एक महिला बैंकर इस पर टिप्पणी करते हुए कहती हैं कि तुर्की की गलियों में चलते हुए वो अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं. और ये सोच निहायत ही खतरनाक है कि औरत होते हुए भी आप अपने घर पर सुरक्षित नहीं हैं.
यहां लटकाए गए 440 जूतों का मतलब है कि 2018 में इतनी ही तादाद में महिला घरेलू हिंसा की भेंट चढ़ गयीं. एक दूसरी महिला बैंकर हिलाल कोसोगलो ने कहा कि जबतक सब खामोश रहेंगे, महिलाएओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ता जाएगा. उन्होंने कहा कि ये खामोशी सिर्फ महिलाओं की हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें चुप करवाने और धमकी देने के साथ भी जुड़ा है.