Pakistan IMF Deal: आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्‍तान अपनी इकोनॉमी में सुधार पाने के लिए विदेशों से आर्थिक मदद मांग रहा है. सऊदी अरब, यूएई और चीन से उसे आर्थिक पैकेज नहीं मिला तो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से गुहार लगाई है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और पाकिस्तानी हुकूमत के बीच बेलआउट पैकेज से जुड़ी डील हो सकती है. अगर यह डील नहीं हुई तो पाक तेजी से डिफॉल्ट हो सकता है, वहीं अगर यह डील हुई तो भी उसको नुकसान उठाना पड़ेगा.


पाकिस्‍तान के कई विशेषज्ञ सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से डील न की जाए क्‍योंकि मुल्‍क महंगाई से पहले ही परेशान है और कीमतें और बढ़ाई गई तो बड़ी अव्‍यवस्‍था फैल जाएगी. पाकिस्तान के बिजनेस एक्सपर्ट साजिद तरार ने ट्वीट कर कहा कि अगर IMF से डील हो जाती है तो उसके पाकिस्तान पर 5 नकारात्मक असर पड़ेंगे.


IMF डील होने पर, 5 प्वांइट्स जिनसे बढ़ेगी कंगाली
पाकिस्तानी एक्‍सपर्ट साजिद तरार ने कहा- 



  1. करीब दो करोड़ नौकरियां जाएंगी.

  2. कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ेगी.

  3. बिजली महंगी होने से मैन्युफैक्चरिंग की रफ्तार धीमी होगी.

  4. भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग बढ़ेगी.

  5. महंगाई मध्यम वर्ग को गरीबी की ओर धकेल देगी.






इसके बाद उन्‍होंने कहा कि उनका आज का सवाल 22 करोड़ पाकिस्तानी भाई-बहनों से है. कृपया किसी एक ईमानदार, भरोसेमंद सरकारी संगठन का नाम बताएं जो भ्रष्टाचार या मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए काम कर रहा हो? आप सभी पाकिस्तान भ्रष्टाचार गठबंधन के शिकार हैं. उनके इस ट्वीट को लगभग 25 हजार लोगों ने देखा. बहुत से पाकिस्‍तानी उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं.


पाकिस्‍तान के एक एक्‍सपर्ट ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की शर्तें ऐसी हैं, जिससे सत्ता पक्ष को नुकसान ही होगा, लेकिन यहां हर किसी को पता है कि उनके पास इन शर्तों को मानने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. कई विपक्षियों ने सरकार को कहा है कि वे कोई और रास्‍ता खोजें.


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