(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Paris Olympics 2024: कुश्ती में इतने मेडल लाएगा भारत, योगेश्वर दत्त की भविष्यवाणी; विवाद पर भी दिया अहम बयान
India at Paris Olympics 2024: भारत के पूर्व ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने भविष्यवाणी करते हुए बताया कि भारत इस बार कुश्ती में कितने पदक लेकर आ सकता है.
India at Paris Olympics 2024: भारतीय कुश्ती पिछले करीब 2 साल से ठप रही है क्योंकि साक्षी मलिक (Sakshi Malik) और बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) समेत कई सीनियर पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष, बृज भूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना जारी रखा है. ऐसे में पेरिस ओलंपिक्स 2024 के लिए भारत के कुश्ती खेमे से कई बड़े नाम गायब हैं. खैर 2012 लंदन ओलंपिक्स में कांस्य पदक विजेता रहे योगेश्वर दत्त ने अब पहलवानों को लेकर भविष्यवाणी की है.
पेरिस ओलंपिक खेलों के शुरू होने में ज्यादा समय बाकी नहीं है. ये खेल 26 जुलाई से शुरू होकर 11 जुलाई तक चलेंगे और भारत के कुश्ती खेमे पर नजर डालें तो 6 पहलवानों ने क्वालीफाई किया है. इन 6 एथलीटों में 5 महिला और एक पुरुष एथलीट शामिल है. इन 6 पहलवानों के नाम अमन सहरावत, अंतिम पंगल, विनेश फोगाट, अंशु मलिक, निशा दहिया और रीतिका हूडा हैं.
2 मेडल आ सकते हैं - योगेश्वर दत्त
योगेश्वर दत्त ने एक मीडिया इंटरव्यू में उम्मीद जताई है कि इस बार भी भारतीय कुश्ती खेमा बिना पदक के वापस नहीं लौटेगा. उन्होंने 2 पहलवानों द्वारा मेडल जीत की उम्मीद जताते हुए कहा, "हमारी 5 लड़कियों ने ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई किया है, जिनमें से मुझे उम्मीद है कि एक या 2 लड़कियां मेडल ला सकती हैं. अंतिम पंगल और अन्य पहलवानों के पास काफी अनुभव भी है. हमें उम्मीद है कि हम इस बार 2 मेडल जीतेंगे."
रीतिका और अंतिम लहराएंगी परचम
योगेश्वर दत्त खुद ओलंपिक मेडल विजेता रह चुके हैं और जानते हैं कि कौन सा पहलवान पदक जीतने के काबिल हो सकता है. उन्होंने अंतिम पंगल और रीतिका हूडा पर दांव खेलते हुए कहा है कि ये 2 महिला पहलवान पेरिस ओलंपिक्स में भारत का नाम रोशन कर सकती हैं. दत्त ने बताया कि 2008 से भारत लगातार कुश्ती में पदक जीतता आ रहा है और यह परंपरा निश्चित तौर पर इस बार भी आगे बढ़ेगी.
कुश्ती विवाद पर क्या बोले योगेश्वर?
पिछले करीब 2 साल से चल रहे कुश्ती विवाद पर योगेश्वर दत्त ने दुख जताते हुए कहा, "पिछले डेढ़ से 2 साल भारतीय कुश्ती के लिए कतई अच्छे नहीं रहे हैं, जिससे मुझे बहुत दुख पहुंचा है. यह समय इस खेल के लिए बहुत खराब रहा है और इसने भारत में कुश्ती की प्रगति पर प्रभाव डाला है. साथ ही कुश्ती को भारत में पसंद करने वाले लोगों में इसके प्रति नकारात्मकता बढ़ी है."
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