नीरज चोपड़ा को मिलेगा गोल्ड? अरशद नदीम का हुआ डोप टेस्ट? जानें वायरल दावे की सच्चाई
Paris Olympics 2024: क्या पाकिस्तान के अरशद नदीम से छिन जाएगा गोल्ड मेडल? क्या नीरज चोपड़ा को सिल्वर की जगह दे दिया जाएगा स्वर्ण पदक? जानिए इन दावों की सच्चाई क्या है.
Arshad Nadeem Dope Test: पाकिस्तान के अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में जेवलिन थ्रो का गोल्ड मेडल तो जीता, लेकिन उनकी ऐतिहासिक जीत के बाद ही एक नया विवाद खड़ा होने की खबर है. दरअसल मुकाबले के बाद अरशद नदीम का डोप टेस्ट करवाया गया था, जिसके बाद दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी एथलीट ने कुछ गलत पदार्थ का सेवन करके 92.97 मीटर दूर भाला फेंका था. बस जैसे ही ये खबर फैली, वैसे ही नीरज चोपड़ा को गोल्ड मेडल मिलने की मांग उठने लगी. तो चलिए जानते हैं कि आखिर इन दावों में कितनी सच्चाई है.
पहले जानिए: क्या है डोप टेस्ट?
डोप टेस्ट दुनिया के लगभग सभी स्पोर्ट्स इवेंट्स में करवाया जाता है. यह जांच आमतौर पर पेशाब और रक्त के माध्यम से की जाती है. इसका उद्देश्य यह जानना होता है कि किसी एथलीट ने कोई ड्रग, ताकत बढ़ाने की टैबलेट या मेडिकल टर्म के अनुसार किसी तरह बेईमानी करने का प्रयास तो नहीं किया है. ओलंपिक्स में बहुत सारे एथलीट डोपिंग के दोषी पाए जा चुके हैं. वहीं पेरिस ओलंपिक्स 2024 में ईरान के सज्जद सेहेन और नाइजीरिया की बॉक्सर सिंथिया को इसका दोषी पाया गया था.
क्या है दावा?
सोशल मीडिया पर लोग विशेष तौर पर पाकिस्तान के अरशद नदीम के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग कर रहे हैं. एक व्यक्ति ने कहा कि जब सब लोग 88 मीटर से 89 मीटर की दूरी तक पहुंच पा रहे हैं, ऐसे में नदीम ने 92.97 मीटर दूर भाला कैसे फेंक दिया. वहीं किसी ने अरशद की तस्वीर शेयर करके दावा किया कि उनका चेहरे ऐसा लग रहा है जैसे उन्होंने नशीले पदार्थ का सेवन किया हो. हालांकि काफी लोग पाकिस्तानी एथलीट के समर्थन में भी उतरे हैं, लेकिन अधिकांश लोग उन्हें ट्रोल करने में लगे हैं.
क्या नीरज चोपड़ा को मिलेगा गोल्ड?
दरअसल डोप टेस्ट करवाने की प्रथा बहुत लंबे समय से चली आ रही है. अक्सर मेडल जीतने के बाद एथलीटों का तुरंत डोप टेस्ट करवाया जाता है. जेवलिन थ्रो प्रतिस्पर्धा समाप्त होने के बाद केवल पाकिस्तान के अरशद नदीम का ही नहीं बल्कि भारत के नीरज चोपड़ा और ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स का भी डोप टेस्ट करवाया गया था. मैदान में रहते ही उनकी जांच की रिपोर्ट भी आ गई थी.
मेडल जीतने वाले एथलीटों का डोप टेस्ट होना कोई नई बात नहीं है. ऐसा केवल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि उस एथलीट ने कोई छल तो नहीं किया है. ऐसे में अरशद नदीम को नशीले पदार्थ का सेवन या किसी अन्य आरोप में दोषी ठहराए जाने का दावा बिल्कुल गलत है. क्योंकि डोप टेस्ट केवल प्रोटोकॉल फॉलो करने के लिए करवाया गया था, ना कि उन्हें किसी संदिग्ध अवस्था में पाए जाने के कारण.
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