(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Paris Olympics 2024: पिता सिक्योरिटी गार्ड... मां क्लीनर! गरीबी का खेल पलटकर, ओलंपिक में तिरंगा फहराने को तैयारी देश की बेटी
Paris 2024 Olympic Athletics: ओलंपिक 2024 के लिए दुनियाभर के एथलीट्स ने अपनी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. इसी तरह भारत की एक प्रेरणादायी बेटी भी देश के लिए मेडल जीतने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
Jyothi Yarraji Biography Qualified for Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 शुरू होने में अब दो हफ्ते से भी कम समय बचा है. ओलंपिक 2024 में क्वालीफाई करने वाले कई एथलीटों के जीवन से जुड़ी कोई न कोई कहानी सामने आ रही है. जिससे उन एथलीटों की मेहनत के पीछे की असली कहानी समझ में आती है. आज हम एक ऐसी ही एथलीट के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं. लेकिन आज वह पेरिस ओलंपिक 2024 में देश के लिए मेडल की उम्मीद बनकर उभरी हैं. यहां हम बात कर रहे हैं ज्योति याराजी की.
साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं ज्योति याराजी
ज्योति याराजी का जन्म 28 अगस्त 1999 को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में हुआ था. उनके पिता सूर्यनारायण एक सुरक्षा गार्ड हैं और उनकी मां दूसरे के घरों में काम-काज करने वाली महिला हैं. ज्योति के माता-पिता ने अपनी बेटी का नाम 'ज्योति' रखा था, जिसका अर्थ है 'प्रकाश'. सचमुच, ज्योति ने अपने परिवार के जीवन में रोशनी ला दी है.
ज्योति ने अपनी शिक्षा विजाग के पोर्ट हाई स्कूल कृष्णा में प्राप्त की. स्कूल में फिजिकल एजुकेशन टीचर ने उनकी ऊंचाई देखकर उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें हर्डल रेस में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया.
ऐसे शुरू हुआ हर्डल रेस का सफर
ज्योति ने 15 साल की उम्र में आंध्र प्रदेश इंटर-डिस्ट्रिक्ट मीट में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी पहली बड़ी सफलता हासिल की. 2016 में, वह हैदराबाद के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) केंद्र में चली गईं. जिसके बाद ओलंपियन और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता एन रमेश के अंडर ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया.
2019 में, ज्योति को भुवनेश्वर के ओडिशा रिलायंस एथलेटिक्स हाई-परफॉर्मेंस सेंटर में शामिल होने का अवसर मिला. जहां उन्हें ब्रिटिश कोच जेम्स हिलर का गाइडेंस प्राप्त हुआ. हिलर के मार्गदर्शन में, ज्योति का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता गया.
2020 में, ज्योति ने कर्नाटक के मूडबिद्री में आयोजित ऑल इंडिया इंटर-यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट में 13.03 सेकंड का समय निकालकर 100 मीटर हर्डल रेस में नेशनल रिकॉर्ड बनाया. हालांकि, तकनीकी खामियों के कारण यह रिकॉर्ड आधिकारिक तौर पर मान्य नहीं हो पाया.
लेकिन ज्योति ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत जारी रखी। 2022 में, उन्होंने साइप्रस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय मीट में 13.23 सेकंड का समय निकालकर महिलाओं की 100 मीटर हर्डल रेस में आधिकारिक नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया.
इसके बाद उन्होंने लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीते. 2023 में, उन्होंने एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 60 मीटर हर्डल रेस में सिल्वर मेडल और एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर हर्डल रेस में गोल्ड मेडल जीता.
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