महिला हॉकी टीम की प्रत्येक सदस्य को 31 लाख रुपये देगी शिवराज सरकार, मुख्यमंत्री बोले- उनका दिल टूटने नहीं देना है
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिला हॉकी टीम के जज्बे को देखकर उनके प्रशंसक बन गए हैं. आज उन्होंने एलान किया कि मध्य प्रदेश सरकार महिला हॉकी टीम की प्रत्येक सदस्य को 31 लाख रुपये देगी.
Indian Womens Hockey Team: टोक्यो में खेले गए ओलंपिक खेलों में भले ही भारतीय महिला हॉकी टीम कोई मेडल नहीं जीत सकी, लेकिन उसने करोड़ों हिंदुस्तानियों के दिल जरूर जीते हैं. अपने जुझारूपन और दिलेरी से इतिहास रचने वाली महिला हॉकी टीम का पहला ओलंपिक पदक जीतने का सपना तब टूट गया जब ब्रिटेन ने उसे कांस्य पदक के रोमांचक मुकाबले में 4-3 से हरा दिया. हालांकि, इस हार के बावजूद हर कोई इस टीम की तारीफ कर रहा है. अब इस कड़ी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी जुड़ गया है.
भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जो ऐतिहासिक प्रदर्शन किया, उसपर पूरे देश को उनपर गर्व है. यह पहला मौका था जब भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में मेडल के लिए मैच खेलने उतरी थी. टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम के दमदार प्रदर्शन को देखते हुए पूरे देश को यह विश्वास है कि यह टीम 2024 पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए पदक जरूर लाएगी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी महिला हॉकी टीम के जज्बे को देखकर उनके प्रशंसक बन गए हैं. आज उन्होंने एलान किया कि मध्य प्रदेश सरकार महिला हॉकी टीम की प्रत्येक सदस्य को 31 लाख रुपये देगी.
मुख्यमंत्री ने कहा, "भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी गजब कर दिया! हमने तय किया है कि जीतने पर तो पुरस्कार मिलता ही है, लेकिन हारने पर भी हमारी प्रत्येक बेटी को 31 लाख रुपए की सम्मान निधि से सम्मानित किया जाएगा. उनका दिल टूटने नहीं देना है, उनका हौसला बढ़ाना है."
भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी गजब कर दिया! हमने तय किया कि जीतने पर तो पुरस्कार मिलता ही है, लेकिन हारने पर भी हमारी प्रत्येक बेटी को 31 लाख रुपए की सम्मान निधि से सम्मानित किया जाएगा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 12, 2021
उनका दिल टूटने नहीं देना है, उनका हौसला बढ़ाना है! pic.twitter.com/O83YzH3KKK
टोक्यो ओलंपिक में 2020 में भारतीय महिला हॉकी टीम चौथे स्थान पर रही. भारत का इससे पहले ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में था जब महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी. उस समय सेमीफाइनल नहीं होते थे और छह टीमों ने राउंड रॉबिन आधार पर खेला था जिनमें से दो फाइनल में पहुंची थी.