Olympics 2021: पुरुषों के हॉकी सेमीफाइनल में आज भारत का मुकाबला बेल्जियम से, सुबह 7 बजे से मैच
टोक्यो ओलंपिक 2021 में अब तक बेल्जियम की टीम ने 6 मैचों में 29 गोल किए हैं. लेकिन यहां पर ये भी ध्यान रखना होगा कि बेल्जियम ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ अपना मैच 2-2 की बराबरी पर मैच खत्म किया था.
नई दिल्ली: भारत के लिए आज का हर लम्हा एतिहासिक है. देश के लिए मैदान में उतरेंगे भले ग्यारह खिलाड़ी लेकिन आज पूरे देश की धड़कनें उनके साथ ही धड़क रही हैं. सूर्योदय का देश कहे जाने वाले जापान में आज भारतीय हॉकी का सूरज चमकने को बेकरार है. भारतीय हॉकी टीम ने ड्रिबलिंग की कला से मैदान पर जो ऐतिहासिक कहानी लिखी है अब ये कदम पोडियम की पहली पायदान पर जाकर ही रुकेंगे.
41 साल बाद भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक में सेमीफाइनल खेलने जा रही है और सामने दुनिया की नंबर एक टीम बेल्जियम है. लगातार चार मैच जीतकर आज मैदान में उतरने वाली मनप्रीत एंड कंपनी भी किसी भी टीम को पानी पिलाने का माद्दा रखती है.
मेडल से एक जीत दूर खड़ी भारतीय टीम का मुकाबला जिस बेल्जियम से है उसे हमने पहले भी कई बार धूल चटाई है. 2019 में बेल्जियम दौरे पर भारत ने बेल्जियम को 2-0, 3-1 और 5-1 से हराया था. इस साल मार्च में भी भारत ने बेल्जियम को 3-2 से हराया था.
बेल्जियम के खिलाफ पिछले 5 मैच में से 4 में टीम जीत हासिल कर चुकी है. ओलंपिक में आखिरी बार दोनों टीम 2016 में आमने-सामने थीं जिसमें बेल्जियम ने 3-1 से बाजी मारी थी.
दुनिया की नंबर एक टीम बेल्जियम यूरोपीय चैम्पियन के साथ साथ विश्व चैम्पियन भी है. लेकिन अपनी लय में आ चुकी भारतीय टीम के हौसले नीले मैदान पर नीले आसमान की तरह बुलंद हैं.
ओलंपिक में हॉकी टीम ने जो शानदार खेल दिखाया है उससे देश में हॉकी के लिए फिर से वही जुनून और जोश देखने को मिल रहा है जिसकी हॉकी हकदार है. हॉकी टीम ने देश को खुशी का जो लम्हा दिया है उससे अब फर्क नहीं पड़ता कि तमगे का रंग कौन सा है.
ओलंपिक में भारत का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने 8 गोल्ड समेत 11 मेडल जीते हैं
-भारत ने आखिरी बार गोल्ड मेडल 1980 में जीता था. 1980 यानी भारत आखिरी बार जब चैम्पियन बना था तब मौजूदा टीम के किसी भी खिलाड़ी का जन्म भी नहीं हुआ था.
दुनिया में हॉकी को पहचान दिलाने वाले मेजर ध्यानचंद से लेकर बलबीर सिंह और जफर इकबाल से लेकर परगट सिंह जैसे खिलाड़ी देने वाली भारतीय टीम का एक गौरवशाली इतिहास रहा है.
टीम अपने प्रदर्शन से उसी गौरवगाथा की गूंज दोबारा दुनिया को सुनाने के लिए तैयार है. गौरवशाली इतिहास का सेहरा सिर पर सजाए भारतीय टीम 1980 के बाद पड़े मेडल के सूखे को आज खत्म करने के इरादे से मैदान पर उतर रही है.