Paris Olympics 2024: लगातार 2 ओलंपिक्स, भारत को मिले हैं 2 नए सितारे; 2028 ओलंपिक में दो मेडल अभी से पक्के
Lakshya Sen Paris Olympics 2024: पहले 2020 टोक्यो ओलंपिक्स और अब 2024 पेरिस ओलंपिक्स में भारत को 2 नए सितारे मिले हैं. जानें कैसे भारत के दो मेडल अभी से पक्के हो गए हैं?
Lakshya Sen Badminton Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में एक बार फिर भारतीय खेमा ढेर सारे पदक जीतने की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है. 9 दिन बीत जाने तक भारत केवल 3 मेडल जीत सका है और ये तीनों पदक शूटिंग से आए हैं. मगर 2024 के ओलंपिक खेलों में भारत को एक नया सितारा मिला है जो चार साल बाद 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक्स में भारत की पदक की सबसे बड़ी उम्मीद हो सकता है. ठीक उसी तरह जैसे 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में भारत को नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) के रूप में भारत को नया स्टार मिला था.
यहां हम किसी और की नहीं बल्कि बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन की बात कर रहे हैं. लक्ष्य को ब्रॉन्ज मेडल मैच में मलेशिया के ज़ी जिया ली के हाथों 21-13, 16-21, 11-21 से करीबी हार झेलनी पड़ी है. हालांकि लक्ष्य सेन कोई मेडल तो नहीं जीत पाए लेकिन 2020 टोक्यो ओलंपिक्स के चैंपियन रहे विक्टर एक्सेलसन द्वारा तारीफ मिलना इस 22 वर्षीय युवा बैडमिंटन स्टार के लिए बहुत बड़ी बात है. विक्टर ने भविष्यवाणी करते हुए दावा किया कि लक्ष्य अगले ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीतने के सबसे बड़े दावेदार होंगे.
लगातार 2 ओलंपिक्स में दो नए स्टार
2020 टोक्यो ओलंपिक्स में नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में 87.58 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीता था. नीरज एथलेटिक्स में भारत को ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाने वाले इतिहास के पहले एथलीट बने थे. बस यहीं से नीरज को एक प्रेरणा स्वरूप देखा जाने लगा. उसके चार साल बाद अब लक्ष्य सेन ने भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए नए मानक तय कर दिए हैं. इस बात में कोई संदेह नहीं कि लक्ष्य को भी प्रेरणा स्रोत के रूप में देखा जाएगा. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बढ़िया फॉर्म जारी रही तो 2028 ओलंपिक्स के लिए लक्ष्य और नीरज चोपड़ा ने भारत के 2 मेडल अभी से पक्के कर दिए हैं.
इस बार बैडमिंटन में भारत को कम से कम 2 मेडल जीतने की उम्मीद थी. एक तरफ पीवी सिंधु ओलंपिक मेडल जीतने की हैट्रिक लगाने के इरादे से मैट पर उतरी थीं, लेकिन वो इस बार क्वार्टरफाइनल में भी नहीं पहुंच पाईं. दूसरी सबसे बड़ी मेडल की उम्मीद चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रेड्डी रहे. चिराग-सात्विक की यह जोड़ी क्वार्टरफाइनल मुकाबले में बढ़त बनाने के बावजूद हारकर बाहर हो गई थी. खैर लक्ष्य सेन ने दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी होते हुए भी सेमीफाइनल तक का सफर तय किया है.
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