Paris Olympics 2024: पानी से डरती थी, अब ओलंपिक में करेगी भारत का प्रतिनिधित्व! जानिए कौन है वो 14 साल की तैराक?
Paris Olympics 2024 Swimming: ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले कई एथलीटों की कहानियाँ काफी प्रेरणादायक हैं. ऐसी ही एक कहानी है 14 वर्षीय भारतीय तैराक की जो अब तैराकी में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी.
Dhinidhi Desinghu at Paris Olympics 2024 Swimming: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व 100 से ज्यादा एथलीट कर रहे हैं. जिसमें भारत 16 खेलों के 69 मेडल इवेंट में अपना दमखम दिखाएगा. इसमें तैराकी में दो तैराक भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. इनके नाम हैं श्रीहरि नटराज और धिनिधि देसिंघु. लेकिन धनिधि देसिंघु की चर्चा काफी हो रही है. इसके पीछे की वजह में उनकी उम्र और पानी से डरने की कहानी शामिल है.
भारत की 14 साल की तैराक धिनिधि देसिंघु पेरिस ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. ये बड़ी बात इसलिए है क्योंकि धिनिधि को पहले पानी से डर लगता था. उन्हें स्विमिंग पूल में जाना बिल्कुल पसंद नहीं था. लेकिन अब वो देश के लिए खेलेंगी. धिनिधि बताती हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें तैराकी में डाला क्योंकि उनके घर के पास ही एक स्विमिंग पूल था. लेकिन वो पानी से डरती थीं. उनके माता-पिता को उन्हें पानी से दोस्ती कराने में काफी मेहनत करनी पड़ी.
धिनिधि देसिंघु ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया- "लेकिन मुझे पानी पसंद नहीं था, मैं इसमें नहीं जाना चाहती थी. मैं अपने पैरों को पूल में नहीं डाल सकती थी, मैं अपना सिर अंदर नहीं कर सकती थी. यह एक संघर्ष था. तब मैं छह साल की थी. जब मैं अगले साल वापस आई, तो मैं अभी भी बहुत डरी हुई थी."
धिनिधि देसिंघु को तैराकी की शुरुआत में बेसिक चीजें भी नहीं आती थीं. वो सिर्फ स्ट्रोक के नाम जानती थीं. लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने मेहनत की और अब वो नेशनल रिकॉर्ड धारक हैं. उन्होंने 2022 में एशियन गेम्स में भी हिस्सा लिया था.
धिनिधि देसिंघु कहती हैं- "मुझे स्ट्रोक्स पता थे... बैकस्ट्रोक, ब्रेस्टस्ट्रोक और (बटर) फ्लाई. लेकिन बस इतना ही. वहां सभी बच्चे लगभग 13 साल के थे और फिर मैं थी, सिर्फ नौ साल की. मुझे मदद मांगने में डर लगता था. मुझे नहीं पता था कि क्या करना है."
धिनिधि देसिंघु की मां जेसीथा बताती हैं कि उनकी बेटी को कॉम्पिटिशन में काफी डर लगता था. वो या तो बीमार पड़ जाती थीं या उल्टी कर देती थीं. लेकिन एक बार जब वो दोनों ही बीमार होकर एक कॉम्पिटिशन में गईं, तो धिनिधि ने हिम्मत दिखाई और गोल्ड मेडल जीत लिया.