Commonwealth Games 2026: ऑस्ट्रेलिया ने फेरा मुंह, तो इस देश ने कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर संभाला मोर्चा; जानें पूरा मामला
Commonwealth Games 2026 Australia: 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों के भविष्य पर सवालिया निशान लगे हुए थे. अब जानें किस देश ने मोर्चा संभाला है?
Glasgow to Host Commonwealth Games 2026: साल 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों का भविष्य अधर में लटका हुआ दिख रहा था. ऑस्ट्रेलिया द्वारा खेलों की मेजबानी से इनकार के बाद स्कॉटलैंड ने जोरदार एंट्री मारी है. याद दिया दें कि 10 साल पहले राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन स्कॉटलैंड के ग्लासगो में हुआ था और अब यह शहर दोबारा इन खेलों की मेजबानी के लिए राजी हो गया है.
स्कॉटलैंड के फर्स्ट मिनिस्टर जॉन स्विनी ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि 2014 में ग्लासगो में हुए राष्ट्रमंडल खेलों की तुलना में इस बार कम खेल देखने को मिल सकते हैं. याद दिला दें कि पहले 2026 में कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में होने वाला था. मगर ऑस्ट्रेलियाई ने बढ़ती लागत का हवाला देते हुए खेलों की मेजबानी से अपना हाथ खींच लिया था. बाद में एक जांच में खुलासा हुआ कि जिन तथ्यों के आधार पर ऑस्ट्रेलिया ने मेजबानी छोड़ी, उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था.
CGF द्वारा आर्थिक सहायता की पेशकश
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (CGF) ने स्कॉटलैंड को 2026 में होने वाले खेलों की मेजबानी के लिए आर्थिक सहायता का एलान किया है. CGF ने 1,104 करोड़ रुपये की सहायता राशि मुहैया करवाई है. कहा जा रहा है कि CGF की ओर से आई राशि के बाद स्कॉटलैंड या यूके सरकार से किसी आर्थिक मदद की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहीं ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ संघ ने भी 25 करोड़ रुपये की मदद की पेशकश की है.
ग्लासगो (स्कॉटलैंड) के नाम पर मुहर लगने से पहले कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए मलेशिया का नाम भी सामने आया था. बताया गया कि फेडरेशन ने इस देश को 1,070 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने की पेशकश की थी. मगर मलेशिया की ओर से यह कहकर ऑफर ठुकरा दिया गया था कि तैयारियों के लिए समय कम है और साथ ही 1,070 करोड़ की रकम को तैयारी के लिए बहुत कम बताया गया था.
ऑस्ट्रेलिया द्वारा अपना नाम वापस खींच लेने से जाहिर तौर पर खेलों पर बुरा असर पड़ेगा. इस बीच मलेशिया की ओर से प्रस्ताव रखा गया था कि खेलों की संख्या में कमी, उदघाटन और समापन समारोह में थोड़ी ढील देना सही होगा जिससे मेजबान देश को कोई बड़ा आर्थिक संकट ना झेलना पड़े. अब CGF ने भी अपने आधिकारिक स्टेटमेंट में इन्हीं बातों को दोहराया है कि किसी आर्थिक संकट से बचने के लिए खेलों को छोटे स्तर पर करवाया जा सकता है.
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