Paris Paralympic 2024: गोल्ड जीतने वाले स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत पर लगा बैन; जानें क्या है पूरा मामला?
Pramod Bhagat: पेरिस पैरालंपिक 2024 की शुरुआत 28 अगस्त से होने जा रही है. इससे पहले भारत को बड़ा झटका लगा है. बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत पर बैन लग गया है, जो टोक्यो 2020 के गोल्ड मेडलिस्ट थे.
Paralympic 2020 Gold Medalist Pramod Bhagat Suspended: समर पेरिस ओलंपिक 2024 खत्म होने के बाद अब पैरालंपिक 2024 का इंतजार है. समर पैरालंपिक 2024 का आयोजन पेरिस में ही होगा, जिसके लिए दुनियाभर के पैरा एथलीट तैयारी कर रहे हैं. 28 अगस्त से शुरू होने वाले इस इवेंट से पहले भारत के लिए एक बुरी खबर है. टोक्यो पैरालंपिक 2020 के गोल्ड मेडलिस्ट बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) पर बैन लगा दिया गया है, जिसके चलते वह पेरिस पैरालंपिक 2024 में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
क्यों लगा प्रमोद भगत पर बैन?
भारत के स्टार पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत को एक बड़ा झटका लगा है. उन्हें डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में पेरिस पैरालंपिक से बाहर कर दिया गया है. बैडमिंटन विश्व संघ (BWF) ने इस बात की पुष्टि की है. बीडब्ल्यूएफ के अनुसार, प्रमोद भगत कई बार डोपिंग टेस्ट के लिए उपस्थित नहीं हुए. इस वजह से उन पर 18 महीने का प्रतिबंध लगाया गया है. यह प्रतिबंध 1 सितंबर, 2025 तक लागू रहेगा.
बीडब्ल्यूएफ ने अपने बयान में कहा, "1 मार्च 2024 को, सीएएस एंटी-डोपिंग डिवीजन ने फैसला सुनाया है कि श्री भगत ने बीडब्ल्यूएफ एंटी-डोपिंग नियमों के अनुच्छेद 2.4 (व्हेयरअबाउट्स) का उल्लंघन किया है. वह 12 महीनों के भीतर तीन बार 'व्हेयरअबाउट्स' में विफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 18 महीने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया. भगत ने इस फैसले के खिलाफ सीएएस डिवीजन में अपील की, लेकिन 29 जुलाई 2024 को अपील खारिज कर दी गई और पिछले फैसले को बरकरार रखा गया है."
UPDATE: Indian #Parabadminton #Tokyo2020 gold medallist Pramod Bhagat suspended for 18 months for breaching BWF anti-doping regulations with three whereabouts failures within 12 months. #Paris2024 #Paralympicshttps://t.co/YLdD7BWI5N
— BWF (@bwfmedia) August 13, 2024
टोक्यो में जीता था गोल्ड
प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में पुरुष एकल एसएल 3 कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था. यह पहली बार था जब किसी भारतीय ने पैरालंपिक में बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीता. एसएल3 कैटेगरी उन खिलाड़ियों के लिए है जिनके एक या दोनों पैरों में मांसपेशियों की बीमारी है या अंग गायब हैं.
पोलियो से जूझकर बने चैंपियन
प्रमोद भगत का जन्म 1988 में हुआ था. पांच साल की उम्र में उन्हें पोलियो हो गया था, जिससे उनके बाएं पैर को नुकसान पहुंचा. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने पैरा-बैडमिंटन में एक अलग मुकाम हासिल किया.