Tokyo Olympics 2020: ओलंपिक में इस साल शिरकत करेगा सबसे बड़ा भारतीय दल, जानिए अब तक का इतिहास
Tokyo Olympics 2020: ओलंपिक में इस साल अब तक का भारतीय खिलाड़ियों का सबसे बड़ा दल शिरकत करने जा रहा है. बैडमिंटन, मुक्केबाजी, कुश्ती और निशानेबाजी में भारत के पास पदक के कई प्रमुख दावेदार मौजूद हैं.
Tokyo Olympics 2020: टोक्यो ओलंपिक 2020 के काउंटडाउन की शुरुआत हो चुकी है. खेलों के इस महाकुंभ में अपना जलवा बिखेरने के लिए भारतीय दल भी पूरी तरह तैयार है. इस साल भारतीय दल बेहद मजबूत भी नजर आ रहा है. भारत की ओर से इस साल 126 खिलाड़ियों का दल ओलंपिक में जा रहा है. ओलंपिक में भारत से भेजे जाने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा दल है. भारत इस बार 18 खेलों की 69 प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेगा. ये भी पहला मौका होगा, जब भारत इतनी बड़ी संख्या में खेलों की अलग-अलग प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेगा. भारतीय खिलाड़ियों का पहला दल 17 जुलाई को टोक्यो रवाना होगा.
पदक के दावेदारों की बात करें तो इस साल बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम, अमित पंघाल, पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, भाला फेंक में नीरज चोपड़ा और निशानेबाजी में मनु भाकर पर पूरे देश की निगाहें रहेंगी. इसके अलावा इस साल भारतीय हॉकी टीम भी पदक की प्रबल दावेदार है. आइए जानते है ओलंपिक के इतिहास में भारत ने अब तक कैसा प्रदर्शन किया है और किस साल उसने सबसे ज्यादा पदक जीते हैं.
ओलंपिक में भारत का इतिहास
1896 में ग्रीस में आधुनिक ओलंपिक खेलों का आगाज हुआ था. साल 1900 के पेरिस ओलंपिक में नार्मन पिचार्ड ने ब्रिटिश शासन वाले भारत के लिए इन खेलों में भाग लिया था. उन्होंने पुरुषों की 200 मीटर तथा 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीता था. ओलंपिक इतिहासकार पिचार्ड के प्रदर्शन को भारत के पदकों में शामिल नहीं करते. ब्रिटेन भी दावा कर चुका है कि पिचार्ड ने ओलंपिक में उनकी ओर से हिस्सा लिया था. हालांकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के रिकॉर्ड में पिचार्ड के पेरिस में जीते गए दोनों सिल्वर मेडल्स भारत के नाम पर ही दर्ज हैं.
पेरिस के बाद भारत अगले तीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा नहीं ले सका. सर दोराबजी टाटा और बॉम्बे के गवर्नर जॉर्ज लॉयड ने अपने अथक प्रयासों से भारत को आईओसी की सदस्यता दिलाई. जिसके बाद भारत ने साल 1920 के एंटवर्प (बेल्जियम) ओलंपिक में पहली बार आधिकारिक तौर पर अपनी टीम भेजी. इस साल भारत ने 6 खिलाड़ियों का दल भेजा था. जबकि 1924 में भारत की ओर से 15 खिलाड़ियों के दल ने ओलंपिक में शिरकत की. 2016 के रियो ओलंपिक में 118 खिलाड़ियों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था. अब इस साल 126 खिलाड़ियों का दल ओलंपिक में जा रहा है.
भारत ने अब तक जीते हैं 28 पदक
साल 1900 से 2016 तक भारत ने ओलंपिक में अब तक कुल 28 पदक अपने नाम किए हैं. इनमें नौ गोल्ड, सात सिल्वर और 12 कांस्य यानी ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. भारत ने अब तक के ओलंपिक इतिहास में सबसे ज्यादा मेडल हॉकी में अपने नाम किए हैं. भारत ने हॉकी में 11 मेडल जीते हैं, जो सबसे ज्यादा है. हॉकी में भारत ने आठ गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. जबकि निशानेबाजी में चार पदक जीते हैं. इसके अलावा भारत ने कुश्ती में पांच, बैडमिंटन और मुक्केबाजी में दो-दो तथा टेनिस और वेटलिफ़्टिंग में एक-एक पदक अपने नाम किया है.
साल 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में हॉकी टीम ने भारत को उसका पहला गोल्ड मेडल दिलाया. इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने लॉस एंजेलिस (1932), बर्लिन (1936), लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) के ओलंपिक खेलों में लगातार स्वर्ण पदक जीते. इस समय को भारतीय हॉकी का स्वर्णिम दौर भी कहा जाता है.
1952 के हेलसिंकी ओलंपिक भारत के लिए बेहद खास है. इस साल कासाबा दादासाहेब जाधव ने भारत के लिए पहला व्यक्तिगत मेडल जीता. जाधव ने कुश्ती के फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था. साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक की निशानेबाजी स्पर्धा में अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिए पहला और अब तक का एकमात्र व्यक्तिगत स्पर्धा का गोल्ड मेडल जीता.
लंदन ओलंपिक में जीते सर्वाधिक पदक
पदकों की संख्या के हिसाब से साल 2012 के लंदन ओलंपिक अब तक भारत के लिए सबसे सफल रहे हैं. भारत ने इस साल दो सिल्वर मेडल और चार कांस्य पदक अपने नाम किए. भारत के लिए इस साल कुश्ती में सुशील कुमार और निशानेबाजी में विजय कुमार ने सिल्वर मेडल हासिल किए. इसके अलावा मुक्केबाजी में एमसी मैरीकॉम, बैडमिंटन में सायना नेहवाल, कुश्ती में योगेश्वर दत्त और निशानेबाजी में गगन नारंग ने कांस्य पदक जीते.
पिछले रियो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और उसे केवल एक सिल्वर मेडल और एक कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था. भारत के लिए बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल और कुश्ती में साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीता था. इस साल भारत बैडमिंटन, कुश्ती, मुक्केबाजी और निशानेबाजी में पदक का प्रबल दावेदार है.
यह भी पढ़ें