एक्सप्लोरर

ओलंपिक मशाल जलाने के पीछे है दिलचस्प किस्सा, सदियों पहले शुरू हुई थी परंपरा; जानें क्या है इसके पीछा का साइंस

Paris Olympics 2024: प्रत्येक चार साल में जब भी ओलंपिक खेल शुरू होने वाले होते हैं तब उदघाटन समारोह में एक मशाल जलाई जाती है. यहां जानिए इस मशाल का इतिहास क्या है?

Paris Olympics 2024: प्रत्येक चार साल में जब भी ओलंपिक खेलों का आयोजन होता है, तब उदघाटन समारोह के समय एक मशाल के माध्यम से खेलों का आरंभ होता है. इस टॉर्च के जरिए एक आग की लौह जलाई जाती है, जो तब तक जलती रहती है जब तक ओलंपिक्स समाप्त नहीं हो जाते. यह मशाल एक ओलंपिक खेल समाप्त होने के बाद उस देश में पहुंचाई जाती है जहां अगले ओलंपिक्स होने वाले होते हैं. पेरिस ओलंपिक्स में यह मशाल 26 जुलाई को ओपनिंग सेरेमनी के दौरान मैदान में लाई जाएगी. मगर यहां हम ओलंपिक मशाल, उसके इतिहास और इसके पीछे छुपे साइंस के बारे में आपको बताने वाले हैं.

ओलंपिक मशाल का इतिहास बहुत लंबा रहा है. माना जाता है कि इसकी शुरुआत बरसों पहले ग्रीस में होने वाले प्राचीन ओलंपिक खेलों के समय हुई थी. ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मशाल के पीछे लोगों की सांस्कृतिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं. वहां आग का महत्व बहुत अधिक होता था कि मंदिरों में मशाल जलाने की परंपरा रही है. 

वहीं मॉडर्न ओलंपिक्स की बात करें तो ओलंपिक मशाल को पहली बार 1936 में अमल में लाया गया था. पुराने समय में एक मशाल के अंदर आग लगाई जाती थी और कोई फेमस एथलीट उसे लेकर दौड़ता है. 1956 में जब रॉन क्लार्क मशाल लेकर दौड़ रहे थे तब उनकी टी-शर्ट जल गई थी, फिर भी उन्होंने भागना जारी रखा था.

साल 2000 में वैज्ञानिकों ने ढूंढी नई तकनीक

चूंकि लपटों के कारण कोई बड़ी घटना होने का खतरा बना रहता था. इसलिए साल 2000 में वैज्ञानिकों ने एक नई मशाल तैयार की, जो पहले से कहीं अधिक सुरक्षित थी. इस बार वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक इजात कर ली थी, जिसकी मदद से पहली बार मशाल को पानी के अंदर भी ले जाया गया था. इस नई मशाल की खोज यूनिवर्सिटी ऑफ एडीलेड ने टर्ब्यूलेंस एनर्जी कंबशन ग्रुप और एक छोटी कंपनी के साथ मिलकर की थी.

यह नई  चाहे मौसम तूफानी हो या बारिश का, यह नई मशाल किसी भी भयंकर मौसम की परिस्थिति में बंद नहीं होगी. हालांकि साल 2000 के बाद मशाल का साइज छोटा-बड़ा होता रहा है, लेकिन उसके बाद इसी तकनीक के आधार पर मशाल का इस्तेमाल होता रहा है.

यह भी पढ़ें:

OLYMPICS HISTORY: जब ओलंपिक्स में बिना कपड़ों के उतरे खिलाड़ी, इस देश के एथलीटों को नहीं थी कोई शर्म-लिहाज

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

लेबनान में PM और राष्ट्रपति 'कागजी शेर,' असली ताकत कैसे रहती है हिजबुल्लाह के पास? समझिए
लेबनान में PM और राष्ट्रपति 'कागजी शेर,' असली ताकत कैसे रहती है हिजबुल्लाह के पास? समझिए
दिल्ली में बारिश करा रही सर्दी का एहसास, पारा 5 डिग्री गिरा, 24 सितंबर तक कैसा रहेगा मौसम?
दिल्ली में बारिश करा रही सर्दी का एहसास, पारा 5 डिग्री गिरा, 24 सितंबर तक कैसा रहेगा मौसम?
Himesh Reshammiya Father Death: नहीं रहे हिमेश रेशमिया के पिता विपिन रेशमिया,  87 साल की उम्र में हुआ निधन
नहीं रहे हिमेश रेशमिया के पिता विपिन रेशमिया, 87 साल की उम्र में हुआ निधन
तीसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ तो कौन सा देश होगा सबसे ज्यादा सेफ? ये रहा जवाब
तीसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ तो कौन सा देश होगा सबसे ज्यादा सेफ? ये रहा जवाब
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

ABP News: दिल्ली टू मुंबई...गणपति की शानदार विदाईArvind Kejriwal News: सीएम पद छोड़ने के बाद केजरीवाल के लिए बंद हो जाएंगी ये सुविधाएं! | ABP NewsBharat Ki Baat Full Episode: 10 साल का सूखा खत्म हो पाएगा...7 वादों से चुनाव पलट जाएगा? | ABP NewsSandeep Chaudhary: One Nation One Election को लेकर क्या बोले विशेषज्ञ ? | ABP News | NDA | Congress

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
लेबनान में PM और राष्ट्रपति 'कागजी शेर,' असली ताकत कैसे रहती है हिजबुल्लाह के पास? समझिए
लेबनान में PM और राष्ट्रपति 'कागजी शेर,' असली ताकत कैसे रहती है हिजबुल्लाह के पास? समझिए
दिल्ली में बारिश करा रही सर्दी का एहसास, पारा 5 डिग्री गिरा, 24 सितंबर तक कैसा रहेगा मौसम?
दिल्ली में बारिश करा रही सर्दी का एहसास, पारा 5 डिग्री गिरा, 24 सितंबर तक कैसा रहेगा मौसम?
Himesh Reshammiya Father Death: नहीं रहे हिमेश रेशमिया के पिता विपिन रेशमिया,  87 साल की उम्र में हुआ निधन
नहीं रहे हिमेश रेशमिया के पिता विपिन रेशमिया, 87 साल की उम्र में हुआ निधन
तीसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ तो कौन सा देश होगा सबसे ज्यादा सेफ? ये रहा जवाब
तीसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ तो कौन सा देश होगा सबसे ज्यादा सेफ? ये रहा जवाब
119 साल पहले किया डेब्यू, 29 साल खेला क्रिकेट और जड़ दिए 199 शतक; इस दिग्गज के आस-पास भी नहीं सचिन-विराट
119 साल पहले किया डेब्यू, 29 साल खेला क्रिकेट और जड़ दिए 199 शतक
इंजीनियर की नौकरी गई तो Swiggy का खाना डिलीवर किया, वापस मिली जॉब तो एक पोस्ट से दिल जीत लिया
इंजीनियर की नौकरी गई तो Swiggy का खाना डिलीवर किया, वापस मिली जॉब तो एक पोस्ट से दिल जीत लिया
Blood Group: साइंटिस्ट ने खोज निकाला नया ब्लड ग्रुप, जानें फ्यूचर में क्या हो सकते हैं इसके फायदे
साइंटिस्ट ने खोज निकाला नया ब्लड ग्रुप, जानें फ्यूचर में क्या हो सकते हैं इसके फायदे
वन नेशन वन इलेक्शन पर देश में क्यों तनाव? कितने दल साथ, कितने खिलाफ, जानें
वन नेशन वन इलेक्शन पर देश में क्यों तनाव? कितने दल साथ, कितने खिलाफ, जानें
Embed widget