अवनी लेखरा ने पहले टोक्यो अब पेरिस में लहराया तिरंगा, 12 की उम्र में पड़ा था लकवा; रुला देगी संघर्ष की दास्तां
Who is Avani Lekhara: अवनी लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में शूटिंग में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया है. उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा है.
Who is Avani Lekhara Gold Medal Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में अवनी लेखरा भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाली एथलीट बनी हैं. उन्होंने महिला स्टैंडिंग 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा है. अवनी लेखरा ने इससे पहले टोक्यो ओलंपिक्स में भी गोल्ड जीता था, लेकिन उनका यह ऐतिहासिक सफर कतई आसान नहीं रहा है. बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्हें केवल 12 साल की उम्र में लकवा मार गया था, जिसके बाद उनका जीवन बेहद संघर्पसंघर्षपूर्ण रहा है.
अवनी लेखरा का जन्म 8 नवंबर 2001 के दिन राजस्थान के जयपुर में हुआ था. सबकुछ सही चल रहा था लेकिन साल 2012 में अवनी के साथ एक घटना घटी, जिसने उनके जीवन में उथल-पुथल मचा दी थी. उन्हें साल 2012 में एक कार दुर्घटना के दौरान रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी, जिसके कारण उन्हें लकवा पड़ा था. बहुत छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी घटना के आगे भी अवनी ने घुटने नहीं टेके और अपनी चोट से प्रोत्साहन लेकर सफलता की ओर आगे बढ़ीं.
SH1 कैटेगरी का क्या मतलब है
अवनी लेखरा ने शूटिंग की SH1 कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता है. एसएच1 कैटेगरी का मतलब वो एथलीट जिसके हाथ सटीक तरीके से मूव ना कर पाएं और उनकी कमर का निचला हिस्सा सही से मूव नहीं कर पाता. या फिर उनके पैरों की मूवमेंट में समस्याएं होती हैं. उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल विजेता अभिनव बिंद्रा से प्रेरणा लेकर साल 2015 में शूटिंग को एक प्रोफेशन के तौर पर चुना. दरअसल वो अवनी के पिता ही थे जिन्होंने अपनी बेटी को खेलों में आने का प्रोत्साहन दिया था.
अवनी लेखरा की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान से लॉ की डिग्री प्राप्त की है. दूसरी ओर पेशेवर शूटिंग में उन्होंने जूनियर और सीनियर लेवल का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है. अवनी को अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों के लिए पद्म श्री और खेल रत्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.
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