Forest Fire in Himachal Pradesh: देश के साथ उत्तर भारत में भी प्रचंड गर्मी का प्रकोप नजर आ रहा है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है. लगातार पड़ रही गर्मी और बढ़ते तापमान की वजह से जंगलों में भी आग लग रही है. हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अब तक 1 हजार 200 से ज्यादा आज की घटनाएं रिकॉर्ड रिपोर्ट की जा चुकी हैं.


जंगल में आग लगने की वजह से 2 हजार 200 हेक्टेयर में पौधारोपण (Plantation Area) और 7 हजार 800 हेक्टेयर जंगल (Natural Area) को नुकसान हुआ है. वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल (PCCF) राजीव कुमार के मुताबिक अब तक वन विभाग को 3 करोड़ 5 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है.


आग लगने की कहां कितनी घटनाएं?


हिमाचल प्रदेश में आग लगने की 1 हजार 200 से ज्यादा घटनाएं रिपोर्ट की जा चुकी हैं. इनमें धर्मशाला में सबसे ज्यादा 326, बिलासपुर में 121, चंबा में 64, GHNP कुल्लू में आठ, हमीरपुर में 177, कुल्लू में चार, मंडी में 163, नाहन में 125, रामपुर में 16, शिमला में 80, सोलन में 114 और WL साउथ में आग लगने की दो घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं.


मौसम शुष्क होने की वजह से बढ़ रही आग की घटनाएं 


वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल (Principal Chief Conservator of Forests) राजीव कुमार ने बताया कि बीते 10 साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो हर दो से तीन साल बाद आग की ज्यादा घटनाएं होती हैं. बीते दो साल में आग लगने की नाममात्र की घटनाएं हुई, लेकिन इस साल आग की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. उन्होंने बताया कि ज्यादा गर्मी और तापमान में बढ़ोतरी की वजह से आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. इसके अलावा मौसम का शुष्क होना भी आग लगने की बड़ी वजह बन रहा है.


वन विभाग के कर्मियों की छुट्टियां रद्द


वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार ने कहा कि वन विभाग की टीम मौके पर जाकर आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं. इसके लिए अग्निशमन विभाग के साथ अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आग बुझाने में स्थानीय लोग भी वन विभाग की मदद कर रहे हैं. उन्होंने अन्य लोगों से अपील की है कि वह भी वन विभाग के कर्मचारियों की मदद करें.


राजीव कुमार ने बताया कि आज की घटनाओं में बढ़ोतरी की वजह से वन विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं. हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं के बीच एक राहत की बात यह है कि अब तक इसमें किसी इंसान या मनुष्य की जान नहीं गई है.


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