मानसून की एंट्री से भीगा हिमाचल, भारी बारिश को लेकर IMD ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
Himachal Monsoon Update: हिमाचल प्रदेश के लोगों को मानसून का बेसब्री से इंतजार था. प्रदेश में गुरुवार को मानसून की एंट्री से कई जगहों पर झमाझम बारिश हुई, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली.
Himachal Pradesh Weather Forecast: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के लोगों को मानसून का इंतजार खत्म हो गया. हिमाचल में मानसून की एंट्री हो चुकी है. गुरुवार (27 जून) को मानसून ने प्रदेश में दस्तक दे दी हैं.
आने वाले तीन से चार दिनों में पूरे प्रदेश में इसका असर नजर आने लगेगा. अमूमन हिमाचल प्रदेश में 22 जून को मानसून की एंट्री होती है. इस बार मानसून ने पांच दिन देरी से दस्तक दी है. बीते साल मानसून की एंट्री 24 जून के दिन हुई थी.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक, हिमाचल में पहले हफ्ते में मानसून का प्रभाव कम होगा, लेकिन धीरे-धीरे मानसून अपना प्रभाव बढ़ाएगा. इसके बाद प्रदेश में बारिश के साथ आंधी तूफान चलने की संभावना है.
हिमाचल प्रदेश में मानसून की एंट्री
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक हेमराज वर्मा ने बताया कि राज्य में मानसून दस्तक दे चुका है. आने वाले चार दिनों में पूरे प्रदेश में इसका असर नजर आएगा. इस साल प्रदेश में अब तक कम बारिश दर्ज की गई है. मार्च, अप्रैल और मई महीने में भी कम बारिश हुई.
जून महीने में सामान्य से 53 फीसदी तक कम बारिश हुई है. इसका नकारात्मक असर फसलों पर भी पड़ा है. अलग-अलग हिस्से में लोगों को पीने के पानी की परेशानी से जूझना पड़ रहा है.
हालांकि अब मानसून की एंट्री के साथ इन परेशानियों के कम होने की आस जगी है. राज्य में इस बार मानसून के दौरान सामान्य बारिश होने की संभावना है. प्रदेश में मानसून की दस्तक से लोगों ने राहत की सांस ली है.
राज्य में 2 जुलाई बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 28 जून से 30 जून तक बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इस दौरान शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी और कांगड़ा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. इसे लेकर ही मौसम विज्ञान केंद्र ने अलर्ट जारी किया है.
हिमाचल प्रदेश में आज यानी शुक्रवार (28 जून) से धीरे-धीरे बारिश में बढ़ोतरी होगी. राज्य में इसका असर दो जुलाई तक रहेगा. इस बार प्रदेश में मानसून के दौरान सामान्य बारिश होने की संभावना जताई जा रही है.
बीते साल भारी बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों बाढ़ और भू स्खलन हुआ था. जिसकी वजह से प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ और कई लोगों की जान भी चली गई थी.
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