अजित पवार Vs शरद पवार में पाकिस्तान की एंट्री, जितेंद्र आव्हाड ने इमरान खान की 'बैट' का किया जिक्र
Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी के शरद पवार गुट को राहत देते हुए कहा कि वह चुनाव आयोग से नए चिह्न की मांग करें. चुनाव आयोग एक हफ्ते में उन्हें चिह्न आवंटित करे.
Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चुनाव चिह्न को लेकर शरद पवार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार को नोटिस जारी किया है. SC ने कहा कि फिलहाल शरद गुट चुनाव आयोग की तरफ से दिए नाम एनसीपी शरदचंद्र पवार का इस्तेमाल करे. साथ ही वह चुनाव आयोग से नए चिह्न की मांग करे. आयोग एक हफ्ते में उन्हें चिन्ह आवंटित करे. इस फैसले का शरद पवार गुट ने स्वागत किया है. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र किया.
जितेंद्र आव्हाड ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की और अजित पवार खेमे ने इस पर खराब तरह से बहस की. वे शरद पवार को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कोई चिह्न नहीं दिया जाना चाहिए, किसी पार्टी का नाम स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.
पाकिस्तान का किया जिक्र
उन्होंने कहा, ''ये कैसे संभव है कि राजनीति से जुड़ा व्यक्ति बिना नाम और पार्टी चिह्न के उसकी पहचान होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह क्या कर रहे हैं. आप क्या करना चाहते हैं. आपने सीमा पार (पाकिस्तान) नहीं देखा कि क्या हुआ? बैट (इमरान खान की पार्टी का चुनाव चिह्न) छीन लिया गया और क्या हुआ? मैं माफी चाहता हूं कि लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान पाकिस्तान का जिक्र किया.''
VIDEO | Here's what NCP (Sharad Pawar faction) leader Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) said on Supreme Court directing that Election Commission’s order of February 7 granting name of 'Nationalist Congress Party-Sharadchandra Pawar' for the group led by Sharad Pawar will continue… pic.twitter.com/doTU2c25Lo
— Press Trust of India (@PTI_News) February 19, 2024
बता दें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने कई विधायकों के साथ एनसीपी में बगावत कर दी थी और पार्टी पर अपना दावा ठोका. इसके बाद चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया. साथ ही चुनाव चिह्न घड़ी अजित पवार गुट को सौंप दी.
इस फैसले के खिलाफ शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अब सुप्रीम कोर्ट में तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी.