नवरात्रि के समापन के बाद अब दिवाली आने वाली है. दिवाली के इस सबसे बड़े त्योहार में लोग जमकर खरीदारी करते हैं और अब ऑनलाइन खरीदारी का ट्रेंड भी बढ़ा है. ई-कॉमर्स ने भारत में खरीदारी का माहौल बिल्कुल बदल दिया है. किराने से लेकर कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक्स सब सामान अब लोग ऑनलाइन खरीदने लगे हैं. जहां ऑनलाइन शॉपिंग तेज और सहूलियत भरी है, वहीं इसमें फ्रॉड का खतरा भी बढ़ा है. इस तरह से फ्रॉड करने वालों के नए-नए तरीके लगातार सामने आते रहते हैं. ये ठगियां और इसके पैंतरे त्योहारों में और भी बढ़ जाते हैं. इस तरह का कोई ऑनलाइन फ्रॉड न हो जाए, इसलिए जानिए हमारे एक्सपर्ट बचने के लिए क्या सलाह देते हैं. 


उदयपुर के साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल बताते हैं कि त्योहार के समय मोबाइल पर कई मैसेज आते हैं जो कई तरफ के ऑफर देते हैं. कई कंपनियां फ्रॉड भी होती हैं, जो मैसेज में एक लिंक भेजती हैं. जैसे ही लिंक को क्लिक करते हैं तो आपके सामाने बड़े-बड़े आइटम्स पर जबरदस्त छूट के ऑफर दिखाई देते हैं. ऑफर्स देखकर कुछ लोग इन वेबसाइट पर पेमेंट कर सामान का ऑर्डर कर देते हैं. इसी का फायदा उठाते हुए ठग फ्रॉड कर लेते हैं. त्योहारों के सीजन में कई कॉल भी आते हैं, जिसमे लॉटरी लगने की बात की जाती है. उस लॉटरी में निकलने वाले इनाम को देने के लिए राशि जमा करने की बात कही जाती है. इनाम के लालच में लोग पैसे जमा करा देते हैं और फ्रॉड का शिकार बन जाते हैं. 


ठग आपके ई मेल इनबॉक्स के जरिए भी आपसे ठगी कर सकता है. इसके लिए वो आपको मेल के जरिए एक लिंक भेजता है. उसमें एक डील होती है, जिससे आपको लालच दिया जाता है. इसे फिशिंग कहते हैं. लिंक से आप फर्जी वेबसाइट पर जा सकते हैं, जिनमें कॉमन शॉपिंग पोर्टल के जैसा डिजाइन होता है. अगर यूजर प्रमोट किए लिंक पर क्लिक करते हैं, तो उनका फोन भी हैक हो सकता है. ऐसे में आपके जेहन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर इन फ्रॉड से बचा कैसे जाए. इनका जवाब देते हुए साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल बताते हैं कि उपभोक्ता को कंपनी की मुख्य वेबसाइट पर ही विजिट करना चाहिए. प्रचार के साथ लिखी साइट को क्लिक करने से बचना चाहिए. जब आप आपको दिखाए गए एड की लिंक यानी यूआरएल में लॉक आइकन को चेक करेंगे, तो आपको साइट की सिक्योरिटी का लेवल पता चल जाएगा.


फ्रॉड से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके


- एंटी-वायरस अप-टू-डेट रखें. किसी अनजान के बताए गए ऐप को कभी डाउनलोड न करें.
- यदि वेबसाइट के यूआरएल में सिक्योर मोड (https) में नहीं है तो वहां से शॉपिंग न करें.
- किसी के द्वारा भेजे गए लिंक से शॉपिंग न करें.
- रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट (सार्वजनिक वाई-फाई) से खरीदारी और किसी प्रकार की लेन-देन न करें.
- शॉपिंग साइट की स्पेलिंग जांच करें.
- कैश ऑन डिलिवरी चुनें.


ठगी के कई तरीके हैं. जब बात ऑनलाइन की आती है तो ये तरीके काफी क्रिएटिव हो जाते हैं. वैसे तो फिशिंग स्कैम्स, फेक ऑफर और डिस्काउंट के नाम पर धोखाधड़ी सबसे सामान्य है, लेकिन ऐसे और भी कई तरीके हैं, जिनके माध्यम से लोगों को आजकल खूब लूटा जा रहा है.


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