Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियां इन दिनों उफान पर हैं. हालांकि पिछले दो दिनों से नदियों का जलस्तर कम हुआ है. लेकिन गंगा और यमुना का पानी अब भी अपनी हदें पार कर कुछ रिहाइशी बस्तियों और रास्तों पर भरा हुआ है. बाढ़ के पानी ने संगम के आसपास स्थित कई मठ मंदिरों और आश्रमों को भी अपनी आगोश में लिया हुआ है.


 प्रयागराज में ड्रोन कैमरे से ली गई तस्वीरें बेहद भयावह है. इसमें साफ तौर पर नजर आ रहा है कि संगम किनारे स्थित लेटे हनुमान जी के मंदिर के पूरे परिसर में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. मंदिर परिसर में स्थित जिस सड़क पर वाहन फर्राटा करते थे, वहां कई फीट पानी जमा हो गया है. पांच दिन पहले एहतियातन मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु गहरे पानी में होते हुए मंदिर तक पहुंचकर बजरंगबली का दर्शन कर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं. 


मंदिर परिसर में घुसा बाढ़ का पानी
प्रयागराज में बाढ़ की भयावहता का अंदाजा ड्रोन कैमरे से ली गई इन्हीं तस्वीरों के जरिए हो रहा है. हालांकि जलस्तर कम होने के बाद हनुमान मंदिर के एक गेट पर साफ सफाई कर उसे लोगों के दर्शन के लिए आज से खोले जाने की तैयारी शुरू की गई है, लेकिन मंदिर परिसर में अब भी बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. तमाम श्रद्धालु इसी पानी में चलकर बजरंगबली के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए आ रहे हैं. श्रद्धालुओं को अभी बाहर से ही पूजा अर्चना करने का मौका मिल रहा है.


राहत की बात यह है कि पिछले दो दिनों से प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर कम हुआ है. पिछले चौबीस घंटे की बात की जाए तो संगम नगरी में गंगा का जलस्तर बारह सेंटीमीटर और यमुना का जलस्तर इकतालीस सेंटीमीटर कम हुआ है. जलस्तर कुछ कम होने से बाढ़ की चपेट में आए लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि प्रयागराज पर बाढ़ का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. यहां अगस्त के पहले हफ्ते से सितंबर के दूसरे हफ्ते तक नदियों का पानी घटता बढ़ता रहता है.


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