उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग अबसे कुछ देर बाद ही करने वाला है. आइए हम जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, और कांग्रेस ने 2017 और 2012 के विधानसभा चुनाव में कैसा प्रदर्शन किया था. बीजेपी (BJP)ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव (UP Assembly Election)में 312 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अगर उसके सहयोगियों की सफलता को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो सीटों की संख्या 325 तक पहुंचती है. बीजेपी ने यह चुनाव अपना दल (एस) (APNA DAL)और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ मिलकर लड़ा था. बीजेपी को 2017 में उत्तर प्रदेश में मिली जीत अबतक की सबसे बड़ी जीत थी. बीजेपी 2012 के चुनाव में केवल 47 सीटें ही जीत पाई थी. उस साल उसने 398 सीटों पर चुनाव लड़ा था. आइए आंकड़ों के नजर से देखते हैं कि यह बीजेपी के लिए कितनी बड़ी जीत थी और अन्य पार्टियों को किस चीज का घाटा उठाना पड़ा.
बीजेपी का प्रदर्शन ऐतिहासिक तो सपा-बसपा का कैसा?
बीजेपी ने 2017 के चुनाव में विधानसभा की 403 में 312 सीटें 77.4 फीसदी सीटें अकेले के दम पर जीती थीं. उसे 39.7 फीसदी वोट मिले थे. इससे पहले 2012 के चुनाव में उसे 11.7 फीसदी सीट और 15 फीसदी वोट मिले थे. यानी की 5 साल बाद बीजेपी अपनी सीटों में 7 गुना और वोट फीसद में ढाई गुना से अधिक का इजाफा करने में सफल रही.
भारत जैसे लोकतंत्र में यह मायने नहीं रखता है कि किसी उम्मीदवार को कितने फीसदी वोट मिले. यहां केवल जीत या हार ही मायने रखती है. इसे हम समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रदर्शनों से समझ सकते हैं. सपा ने 21.8 फीसदी वोट के साथ 11.7 फीसदी सीटों यानि की 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं बसपा 22.2 फीसदी वोट लाकर केवल 4.7 फीसदी सीटें यानि कि 19 सीटें ही जीत पाई थी. सपा ने 2012 के चुनाव में 29.1 फीसदी वोटों के साथ विधानसभा की 55.6 फीसदी सीटों यानि की 224 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं बीएसपी को 25.9 फीसदी वोटों के साथ 19.8 फीसदी सीट यानि की 80 सीटें ही मिली थीं. ये आंकड़े बताते हैं कि 2017 के चुनाव में सपा-बसपा को वोटों का तो बहुत अधिक नुकसान नहीं हुआ. लेकिन सीटों के मामले में उन्हें बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को हर तरफ घाटा ही उठाना पड़ा. कांग्रेस ने 2012 के चुनाव में 11.6 फीसदी वोट और 6.9 फीसदी सीट या 28 सीटें मिली थीं. लेकिन 2017 के चुनाव में उसे 6.2 फीसदी वोट और 1.7 फीसदी या केवल 7 सीटें ही मिलीं.
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