UP Medical Collage: उत्तर प्रदेश के 13 नए स्वशासी मेडिकल कॉलेज को मान्यता न मिलने को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से फोन पर बातचीत की. सीएम योगी ने उनसे इन कॉलेजों को मान्यता देने की अपील की. सीएम योगी ने नड्डा से कहा कि इन कॉलेजों में तैयारी की कमी नहीं है. बल्कि नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों में अचानक बदलाव हो जाने के कारण कुछ दिक्कतें आई थी. सीएम योगी ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से अनुरोध किया कि वो 2020 के तय मानकों के आधार पर ही मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दे दें.
आपको बता दें कि इन 13 नए मेडिकल कॉलेज को NMC ने मान्यता नहीं दी है. इन कॉलेज में 2020 के मानकों के अनुरूप तैयारी की गई थी जबकि अब NMC 2023 के अनुरूप ही एमबीबीएस कोर्स के लिए मान्यता दी जा रही है. आपको बता दें कि यूपी सरकार एक जिला एक मेडिकल कॉलेज के अभियान को लेकर काम कर रही हैं. जिसमें इस समस्त नए बने 13 मेडिकल कॉलेज को सरकार चलाना चाहती है . इसी कारण इन कॉलेजों में पुराने मानकों के आधार पर निरीक्षण का आग्रह किया गया हैं.
क्या है NMC मानक
साल 2020 के NMC के मानक के अनुरूप कॉलेज में 50 चिकित्सा शिक्षक होने चाहिए. जबकि साल 2023 के मानक के अनुरूप कॉलेज में 86 चिकित्सा शिक्षक होने चाहिए. इसके अलावा साल 2020 के मानक के अनुरूप कॉलेज में 24 सीनियर रेजिडेंट होने चाहिए वहीं 2023 के मानक के अनुरूप 40 सीनियर रेजिडेंट होने चाहिए. इसके अलावा प्रोफेसर को लेकर के भी मानकों में बदलाव हुआ है. 2020 के NMC के मानक के अनुरूप 6 प्रोफेसर होने चाहिए वहीं 2023 के NMC के मानक के अनुरूप 17 प्रोफेसर अनिवार्य रूप से कॉलेज में होने चाहिए.
इन तेरह जिलों में हैं ये मेडिकल कॉलेज
ये सभी मेडिकल कॉलेज अलग अलग जिलों में हैं. जिन जिलों में ये मेडिकल कॉलेज हैं, वो 13 जिले हैं. गोंडा, लखीमपुर खीरी , पीलीभीत ,चंदौली , कौशांबी, सोनभद्र, बिजनौर , बुलंदशहर, कानपुर, औरैया, कुशीनगर, ललितपुर और सुल्तानपुर.