Uttarakhand News: उत्तराखंड में जल विद्युत परियोजनाओं के भविष्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट नवंबर माह में एक महत्वपूर्ण फैसला सुना सकता है. इसके लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित एक पांच सदस्यीय समिति अक्टूबर माह में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी. यह समिति जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण और संचालन के मुद्दों की जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट में अपने निष्कर्ष और सिफारिशें प्रस्तुत करेगी. 


उत्तराखंड में जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण एक विवादित मुद्दा रहा है. जिसमें पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों को लेकर चिंताएं उठाई गई हैं. स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों ने जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के खिलाफ आवाज उठाई है, जिसमें उन्होंने पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों के बारे में चिंता व्यक्त की है.


फैसले के बाद परियोजना का भविष्य होगा तय
सुप्रीम कोर्ट का फैसला इन परियोजनाओं के भविष्य को तय करेगा और यह देखेगा कि क्या ये परियोजनाएं पर्यावरण और सामाजिक मानकों को पूरा करती हैं. यदि सुप्रीम कोर्ट जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति देता है, तो यह उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण विकास होगा. लेकिन यदि यह परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति नहीं देता है, तो यह परियोजनाओं के लिए एक बड़ा झटका होगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला उत्तराखंड के लोगों और पर्यावरणविदों के लिए महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि यह तय करेगा कि क्या जल विद्युत परियोजनाएं पर्यावरण और सामाजिक मानकों को पूरा करती हैं या नहीं.


10 योजना को मिल चुकी है मंजूरी
प्रदेश की 2123.6 मेगावाट की 21 परियोजना में 11 पर कोई विवाद नहीं है. न ही किसी को कोई पर्यावरणीय आपत्ति.10 योजना को सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट बॉडी अपनी मंजूरी दे चुकी है. इन 21 परियोजना पर काम शुरू हो सके. इसका 12 साल से इंतजार किया जा रहा था.धामी सरकार आने के बाद केंद्र स्तर पर लगातार न सिर्फ पैरवी की गई. बल्कि केंद्र के सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय स्थापित कराया गया. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ मुलाकात कर परियोजनाओं को मंजूरी देने का अनुरोध किया है.


समिति को तीन महीने में देनी है रिपोर्ट
21 परियोजनाओं पर फैसला लेने से पहले कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है.समिति को तीन महीने में रिपोर्ट देनी है. धामी सरकार के इन प्रयासों से उम्मीद है कि अक्तूबर तक समिति की रिपोर्ट जमा होने के बाद नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट अपना अहम फैसला देगा. इन परियोजनाओं समेत जल शक्ति में अटकी गंगा और उसकी सहायक नदियों से हटकर दूसरी नदियों में हाइड्रो प्रोजेक्ट की मंजूरी देने को लेकर भी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रयास अंजाम तक पहुंचाने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं. 


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